मॉ बहन
दादी बुआ
ताई चाची
भाभी नानी मामी
मौसी
श्रीमती जी
बेटी,बेटियाँ
बहुएँ
मेरी छात्राएँ
इन सबके बीच
पूरी दुनिया
की नारी
तुम श्रद्धा हो
पर क्या सचमुच
जो मैं कह रहा हूँ
ये आदर सम्मान
कितनों का बचा है
इस मुल्क में
देवियाँ हैं ये
या देवदासियाँ
इनकी जगह
कहाँ कहाँ है
ये रानियाँ हैं या
पटरानियां
समाज में आज
जितनी ख़बरें है
इनके लिए
किसने गढ़ी है
इन औरतों ने
स्त्रियों को कहाँ
रोका हुआ है
झाड़ू पोंछा
और सफ़ाई के लिए
या कूड़े विनती हुयी
इतने के बावजूद
भ्रूण हत्या ये
संस्क्रीति कहाँ से
आई !
शहर से
या कहीं और से
जो अब गाँव तक
पहुँच गयी !
क्या यही
हमारी नीति है
नारी की गति
दुर्गति है
या सद्गति है !
किसकी वजह से
क्या है !
ज़रा ग़ौर करिए !
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