पृष्ठ
मुखपृष्ठ
गाँव
पोस्टर
अन्य कवियों की रचनाएं
रत्नाकर के चित्र
प्रकाशन
विशेष
भूले विसरे गीत
आलेख
बुधवार, 9 अगस्त 2017
या वर्ग बदल लो !
सिंहासन पहन लो
या मुकुट ओढ लो।
जाति बदल लो
या वर्ग बदल लो
समझ में तो सब आता है
यह सब क्यों कर रहे हो
और इतने ही ईमानदार थे तो
अपनी इमानदारी का
बेईमान सहचर क्यों रखा
इमानदारी का सर्टिफिकेट
बांटने वाले।
कहीं ईमानदारों को
सर्टिफिकेट की जरूरत होती है।
-डा.लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें