शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

हमें कुछ कहना है



हमें कुछ कहना है !
मगर ऐसा कुछ नहीं कहना !
जिसमें लेश मात्र भी सच न हो ?
मुझे कुछ कहना है !
मगर मुँह से कुछ नहीं कहना है !
मुझे कुछ कहना है !
अपने इन चित्रों के माध्यम से !
मेरा मानना है ,
अपनी रचनाओं के माध्यम से !
सच कहना है !
एसा सच जो !
हर वह व्यक्ति समझ सके !
जिसे छल प्रपंच नहीं आता !
लूटपाट और पॉखंड !
न करता है और न जानता है !
उनके लिये रचना है !
और कहना है !

-डॉ.लाल रत्नाकर

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