आर्थिक आरक्षण कहाँ से आ गया है।
तुम्हारी मानसिकता को क्या हो गया है।
संविधान की वास्तविक मंशा से विज्ञ हो ?
नहीं तुम आर्थिक आधार ही जानते हो !
क्योंकि तुम्हारा व्यवसाय आर्थिक ही है !
तुमने आर्थिक सत्ता की जड़ रखी है !
पूँजीपतिओं के गुलाम आज़ाद तो हो !
हम तुम्हे चुनौती देते हैं तुम आओ !
चुनाव में हम तुम्हे देखेंगे आने दो !
जुमले नोटबंदी नौकरियां और नाकामी !
आर्थिक आरक्षण से नहीं दबेगा !
भारतीय संविधान की मंशा को जानो !
आर्थिक आरक्षण कहाँ से आ गया है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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