हमारी सरकार स्वास्थ्य समस्यायों को
जाने या अनजाने जीवन को सौंप दिया।
हत्यारों के हवाले कारपोरेट को दे करके।
यही है अनुभवहीनता वाचाल होना।
कहीं से कैसे भी उसे पूरा नहीं करता।
जनमानस की समस्याओं का समाधान।
जुमलों झूठ और अहंकार से नहीं होता।
वोट के नाम पर देश का सैनिक।
पुलवामा में क्या हुआ कौन जनता है।
यह सत्ता का सवाल है और संविधान।
संविधान की अनदेखी क्यों और क्यों ?
जरूरत है आज विवेक और विचार का ?
भारत के बहुजन समाज के सम्मान का ?
कौन करेगा विचार शून्य की राजनीति का ।
आज की तारीख में विवादों के राज में ।
डॉ लाल रत्नाकर
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