शुक्रवार, 11 जून 2021

किया वो जो बवाल है।

 


ना हमें वो ग़म है
ना हमें वो ख़्वाब है
जो संजोऐ हुए है
मन के मैले मिज़ाज में
झॉको ज़रा जनाब
अपने ही अपने आप में
यह ग़म जुदा नही करता
यह ग़मज़दा का सवाल है।
किया वो जो बवाल है।

डॉ लाल रत्नाकर

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