गुरुवार, 29 सितंबर 2022

अहंकार के किस विचार से

 


अहंकार के किस विचार से
डूबा जो उसका भविष्य है।
नैतिकता का पंख लगाकर
उड़ने का वह साहस करता है।
संवादहीनता के चातुर्य ज्ञान से
अंधविश्वास पैदा करता है।
मानवता की दृष्टि नहीं है।
सृष्टि सृष्टि करता रहता है।
वैभव की झूठी दुनिया में,
लोटपोट कर सैर सपाटा
वह भी तो करता रहता है।
गुफा कंदराओं तक वह जब
प्रतीक बना कर ठगता है।
अंधकार के मकड़जाल में
उलझा उलझा वह रहता है।
जाहिल सारा समाज बनाकर
अज्ञान भरा अभिमान करे।
आने वाली पीढ़ी को वह,
झंझावातों से ठगता है।
क्या राजा सा वह लगता है।
अहंकार के किस विचार से
डूबा जो उसका भविष्य है।
- डॉ लाल रत्नाकर
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