गुरुवार, 29 सितंबर 2022

प्रतीकों के बल पर



प्रतीकों के बल पर
गलत राह चलकर
महान बनने वाले
इंसान बन तो जाते।
मोहब्बत जरूरी
जरूरी है सपने
सपने दिखाकर के
ठगते हैं अपने।
जाहिल बनाकर
उसे लूट लेने की
साजिश है किसकी
कौन थे कौन है।
क्या पहचान उनकी
अभी भी बची है
वह इंसान कैसे
जो हैं हैवान ऐसे ।
- डॉ लाल रत्नाकर

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