बुधवार, 19 अप्रैल 2023

लोग खुशियां मना रहे हैं।

















खुशी मनाने का कारण ?
कारण जो भी हो मना रहे हैं
उनकी खुशी में शामिल होना
सहज नहीं लग रहा है।
खुशी तो हमें भी हुई थी।
डर लग रहा था अनर्थ का।
आतंक का, भय का, पर।
रक्षकों की सुरक्षा में।
आतंकियों की हत्या सरेआम।
संविधान, कानून, सजा।
सब बेवजह! जब चुनना था ।
यही रास्ता, कोर्ट कचहरी।
वकील और जज!
अपराधियों का इस्तेमाल।
अपराधियों के अंत के लिए।
संत का अंत क्या संत से ही होगा।
अगर आतंकियों के आतंक!
नौसिखिये आतंकियों से ही संभव है।
सन्देश क्या गया है भावी पीढ़ी में ?
लोग खुशियां मना रहे हैं।
खुशी मनाने का कारण ?
कारण जो भी हो मना रहे हैं।

डॉ लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं: