कल !
जब वह तुमसे
हिसाब मांग रहे होंगे ?
तब क्या कहोगे !
कि लच्छेदार जुमले
सुन रहे थे !
और मुफ्त के अन्न
खाकर सो रहे थे !
अपढ़ होने के लिए
बेचैन थे या
हिन्दू बनने के लिए !
अभी भी खोए हुए हो
घोर अन्धकार में
उठो जागो !
तुम्हारी आने वाली
पीढ़ी पर खतरा !
मड़रा रहा है !
जागो !
वहां से भागो !
-डा.लाल रत्नाकर
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