रविवार, 8 अक्तूबर 2023

ईमानदारी, प्रेम और मोहब्बत के विरवे जरूर बो देना !

मेरे हिस्से के खेत के एक कोने में
रवि खरीफ और जायद की फसलों में,
ईमानदारी, प्रेम और मोहब्बत के
विरवे जरूर बो देना !
देखना तुम्हारे बखार में शायद !
यह ना बचे हों तो कहीं से उधार ले आना!
नफरत की दुकान पे बिक रहे बिरवे,
बहुत खतरनाक है उन्हें मत डालना।
देखना मेरे ननिहाल में बचे होंगे कुछ बिरवे।
या अन्य किसी रिश्तेदारी में,
मेहनत के ईमानदारी के और सत्य के!
वहीं से ले लेना बहुत सावधानी से।
पड़ोसी के इरादे से सावधान रहना।
वह चालाकी की फसल न रोप दे।
मेरे हिस्से के उस कोने में।
मेरे दोस्त सब कुछ यही रहेगा!
जब तुम जा रहे होगे तो हाथ खाली होगा।
मेरी बात हो सकता है तुम्हें गाली लगे,
मगर मेहनत ईमानदारी की फसल ही!
अच्छी सेहत और समझ देती है।
बुजुर्ग कहते थे फर्टिलाइजर मत डालो!
इससे बीमारी बढ़ती है।
जमीन की जमीर खत्म हो जाती है।
नफरत का जहर जन-जन में फैल जाता है।
प्रकृति और प्रवृत्ति दोनों साथ छोड़ जाते हैं।
तभी तो वह हाड़ तोड़ मेहनत कर!
हमें प्रकृति के और प्रवृत्ति के गुणों से,
सींचकर पाला और पोशा है।
मोहब्बत और ईमानदारी के विरवे रोपा है।
जिससे हम खड़े रह सके, 
सत्य और मोहब्बत के साथ।

डा.लाल रत्नाकर


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