शनिवार, 9 मार्च 2024

चोर वह नहीं है

चोर वह नहीं है
जिसे हम समझ रहे हैं।
चोर वह है जिसको हम
साधु समझ रहे हैं।
साधु चोर नहीं होता ?
प्रश्न तो यह उठता है,
यह सवाल परेशान कर देता है
जिसे हम ईमानदार 
समझ रहे होते हैं।
चोरी करने के बहुत सारे तरीके हैं।
इसलिए सबको चोर नहीं कह सकते।
जब यह बात जग जाहिर है।
जो व्यवस्था केंद्रीयकृत चोर है।
तो उससे नियंत्रित व्यवस्था,
कैसे साधु हो सकती है।
आज का सबसे ज्वलंत सवाल,
हमारे सम्मुख उपस्थित हो गया है।
इसका जवाब कौन देगा?
-डॉ.लाल रत्नाकर



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