मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

भ्रष्टाचार से संघर्ष

डॉ.लाल रत्नाकर 
"भ्रष्टाचार"
पेंटिंग;डॉ.लाल रत्नाकर 
करके जब                            
किसी 
ईमानदार 
आदमी को 
फसाया जाता है तब 
उसके पास (ईमानदार) 
के 
क्या रास्ता होता है 
वहां से बचने का ?
कोई उपाय हो तो बताईये 
आईये 
उस भ्रष्टाचारी से 
आपको मिलाता हूँ.
वह 
भ्रष्टाचार करके 
जो पद हथियाया है 
उस पद का सरोकार 
विद्या की 
आराधनी सरस्वती 
के मंदिर के कुशल 
संचालक 
के रूप में 
संचालित करने के 
हेतु होता है  
पर इसने ऐसा करने से 
मन से कर्म से 
कभी सोचा ही नहीं 
किया ही नहीं 
मंदिर है विद्या का 
'अविद्या' का स्वामी
विराजमान है 
बेईमानों की एक टोली 
बनाकर 
जाति
संप्रदाय 
अपराधी 
दुराचारी 
मृदुभाषी 
पर 
कुकर्मी 
अपने आसियाने 
सजाकर 
उसके इर्द गिर्द 
विराजमान हैं 
अपने अपने 
टुकड़ों के लिए 
इन मरी हुयी 
आत्माओं के 
मृतप्राय 
स्वरूपों 
से कैसे 
'लडेगा'
ईमानदार !
कोई उपाय है आपके पास !
अन्ना 
अमर
अडवानी 
मनमोहन 
और 
सोनिया 
का 
सम्मोहन 
'न्यायाधीशों की'
उदारता
सरस्वती 
की 
महानता
संघर्ष करने वाले को संघर्ष 
और 
भ्रष्ट को लूट
और 
लूट की खुली छूट
आखिर  
लूटेगा तभी तो बंटेगा 
असत्य से सत्य के लिए 
दुष्कर्म पर 
पर्दों के लिए
कहाँ से आएगा 
सम्मान बचाने 
के लिए 
आज के दौर में 
धन धान्य
बचाने के लिए 
"भ्रष्टाचारी को"
ईमानदारी से 
रहने के लिए 
क्या बेईमानी की 
शरण में जाना 
लाज़मी होगा .
बताईये ?

 

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