सावन की तरह
जब वो बरसना शुरू करती है
तो मैं भीगने की बजाय
सुखने लगता हूँ
जब वह बरस कर
बंद होती है तो मुझे लगता है
अब शायद ही बरसे
उस तरह से .
जब वो बरसना शुरू करती है
तो मैं भीगने की बजाय
सुखने लगता हूँ
जब वह बरस कर
बंद होती है तो मुझे लगता है
अब शायद ही बरसे
उस तरह से .
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