शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

शातिराना दौर

शातिराना दौर
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हम कितने शातिराना दौर से 
मुखातिब हैं !
हालाँकि यह कोई नई बात नहीं हैं !
यह सदियों सदियों से पूरी दुनिया में !
एक वर्ग करता आ रहा है !
जब उसे आसानी से पहचाना जा रहा है !
हम कितने शातिराना दौर से
मुखातिब हैं !

अफसोश यह है की इस आदत के
शिकार वो हो गए हैं !
जिन्हें हमने उन शातिरों के खिलाफ ?
खड़ा होने के लिए अवसर दिया था !
लेकिन उन्होंने अपने को उनके अनुसार
ढाल लिया है जिनकी वजह से ?
हम कितने शातिराना दौर से
मुखातिब हैं !

डॉ.लाल रत्नाकर

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