शनिवार, 1 अक्तूबर 2022

जब वह नशे में पागल हो जाता है?


जब वह नशे में पागल हो जाता है?
भूल जाता है सामान्य मर्यादाएं भी?
इस पागलपन के पीछे जो योजना है!
वही मूल कारण है !
समाज को प्रगति के मार्ग से अवरुद्ध करने की नीति को।
जिसमें शराब सहायक होती है वह जो
बाजार और कस्बों में बिक रही होती है
सस्ते दामों पर सस्ती शराब।
उसे पीकर पागल होता है वह व्यक्ति
जो अपने आसपास के परिवेश में
बहुत कुटिल चाल से ठगा जाता है।
कितने शातिर हैं वह लोग जो बर्बाद कर देते हैं।
उस पूरी बगिया को जो उन्हें सुहाती नहीं है।
समाज में पूरी तरह से व्याप्त अनाचार !
दुराचार से युक्त महानतम व्यक्ति भी।
बर्बाद हो जाता है जब उसके दिमाग पर।ठ्फंषं
वह पक्षी सवार हो जाता है जो विनाश का
गीत गाता है और उस गीत से मानव मस्तिष्क
इस तरह दूषित हो जाता है।
जिसे सत्य और असत्य का भान नहीं होता
समाज में उसे किसी का मान नहीं होता।
यह राष्ट्रीय स्तर पर जब किया जाता है
तो वह दिखाई देता है।
लेकिन जड़ में बैठा हुआ अपराध !
कहां दिखता है संत बना फिरता है।
नित्य कुकर्म करता है सुकर्म का चोला पहन।
इसे बदलने की कोशिश में।
सब कुछ बदल जाता है मगर वह?
उसी तरह से बदलेगा जैसे वह बदला है।
- डॉ लाल रत्नाकर

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