और कांग्रेस की राजनीति
इन दोनों में बहुत ही
नाजुक संबंध हैं,
जिसके बल पर
कुछ नहीं कहा जा सकता
और ना ही
किया जा सकता है।
भारतीय राजनीति को
जिन व्यापारियों ने
हड़प लिया है।
कमलनाथ जी उसमें
प्रमुख नाम है।
इनके हाथ में,
यद्यपि वह ताकत नहीं है
अन्यथा यह कहीं से भी
कम नहीं होते।
चलिए अच्छा हुआ,
इनको इनके दायित्व से
उनके दल ने
मुक्त कर दिया है।
मित्रों की तरफ जाने में,
इन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी।
ऐसा मेरा मानना है।
यह सच होगा या नहीं,
उस पर कुछ नहीं !
कहा जा सकता.
डॉ लाल रत्नाकर
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