चुनाव आयोग :
गलत गठन
असंवैधानिक !
बिल्कुल
अविश्वसनीय है।
ट्रांसपेरेंट नहीं
ऊफ !
देश का विपक्ष चुप है?
देश की जनता चुप है ?
जानते हुए कि …
यह बेईमानी
अलोकतांत्रिक है।
केंचुआ
अविश्वसनीय है ।
केंचुआ
जिसका हर आचरण
जन विरोधी है।
जन विरोध का पहला प्रयोग
बिहार में हुआ है।
आगे पूरे देश में होना है।
केंचुआ एक पार्टी का सहयोगी है।
चुनाव कैसे निष्पक्ष होंगे।
आप विश्वास कर लीजिए।
यह विश्वास इस तरह होगा।
जैसे अच्छे दिन आने वाले हैं।
आप 15 लाख पाने वाले हैं।
जैसे-जैसे आप
स्वर्ग में जाने वाले हैं।
वैसे ही वोट कम पड़ेंगे
और गिने ज्यादा जाएंगे।
हारने वाला जीत जाएगा
और जीतने वाला
हरा दिया जाएगा।
जो जनता चिल्ला चिल्ला कर
यह बता रही होगी कि फलां
की सरकार आ रही है।
उसके खिलाफ अखबार
और गोदी मीडिया के लोग
बता रहे होंगे कि ऐसा नहीं
ऐसा होने वाला है।
जिसकी सूचना का स्रोत नहीं होगा।
इसकी सूचना का स्रोत
किसी केंद्र से आई हुई सूचना होगी।
डॉ.लाल रत्नाकर
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