डॉ.लाल रत्नाकर
चित्र-डॉ.लाल रत्नाकर |
इनकी नियत ठीक नहीं है ,
परपन्चों में पड़ते तो है पर
दिखते नहीं ,
संत बनकर डकार गए हैं
संम्मानों को.
शांति शांति का
शंखनाद करते फिर रहे है ,
चुपचाप नियति को ठग रहे है ,
इन्सनियत के नाम पर कलंक ,
बनकर ठग रहे है,
आम मानव को ,
ही नहीं दलित को ,
पिछड़ों को ,
स्त्री को ,
सवर्ण बनकर,
काले मन से ,
इमान के बहाने,
बेईमानी कर करके ,
सब - सब सह रहे है,
तो रहे है सदियों से
पर
इनकी नियत ठीक नहीं है ,
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