शनिवार, 15 मई 2021

एक बार कर लेते उससे भी मन की बात !

  


दिन और रात !  
फलाने जी की बात 
किसके लिए ?
अपनी बात अपने लिए !
क्यों करते हैं अक्सर !
रेडिओ पर !
टी वी पर !
कौन सुनता है 
क्यों सुनता है 
शायद किसी दिन 
मन में आ जाए 
और पंद्रह लाख की 
अनहोनी खबर आ जाये !
मौन हैं वादे पर 
कर रहे हैं काम 
पूंजीपतियों के नाम 
राष्ट्रीय सम्पत्तियाँ !
आम आदमी से उनको 
नहीं है कोई काम 
किसान सडकों पर है 
कोरोना घर घर !
पर उनका पता नहीं है 
जो दिखते थे दिन रात !
करिये न कोरोना से  
अपने मन की बात !
और सुनिए न 
उसके मन की बात !
क्यों कर रहे हैं 
विश्वासघात !
आपको तो मिला होगा
अमेरिका में 
या बंगाल में 
बिहार में तो था 
आपके ही साथ !
इससे भी गठबंधन है 
संघ से निवंधन है
नागपुर से गठबंधन है !
कोरोना क्यों घूम रहा है !
कैसा आपका प्रबंधन है !
आपसे डरे हैं या 
डरे हैं कोरोना से !
बूढ़े बच्चे और नवजवान !
टीका (वैक्सीन) लगवायेगा 
तब कोरोना जाएगा  
कब तक टीका आएगा 
और कितने दिन रात 
कहाँ कहाँ से लोगो को 
अब तक निगल गया !
कर क्यों नहीं लेते 
आप उससे मुलाक़ात 
एक बार कर लेते 
उससे भी मन की बात !

-डॉ लाल रत्नाकर 
 

 

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