शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

सपने बेचने ?



जब वह आया था
सपने बेचने ?
आप ने आंख मूंदकर
खरीद लिए।
सपने देखिए खुशहाली के
खुशहाली के सारे ?
रास्ते बेच दिया अपनों को
रोजगार गारंटी का सपना
सीधे रास्ते से भर्तियां!
कर ली उसने अपनो की।
सपने देखिए।
वह सपने में लगातार बढ़
रहा है राष्ट्रवाद की ओर
राष्ट्रद्रोह का डर दिखाकर।
बचिए कैसे बचिएगा ?
घेर रहा है
न्याय के हथियारों से।
फसाकर जांच कराकर।
सपने देखिए।
दर्शन के लिए बना रहा है।
आपकी आस्था का स्थल।
सपने बेचने का मॉल।
अंधभक्तों !
वह ऐसे ही थोड़े आया था।
सपने बेचने ।

डा लाल रत्नाकर

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