उपाय क्या है
यह तो हारेंगे ही नहीं
जनता लाख कुछ कर ले
विपक्षी जीतेंगे ही नहीं।
कुछ तो करना होगा,
उसी से बात करनी होगी
जो यह सब करने में
अपनी ताकत लगा रहा है।
उसे कोई ना कोई तो फंसा रहा है
क्या जनमत यही होता है।
कि घर का वोट भी नहीं मिलता।
यह भी हो सकता है।
घरवाले अपने मुनाफे के लिए।
घूस ले लिये हों।
और वोट दे दिये हों।
ऐसा भी तो हो सकता है।
क्योंकि फला है तो मुमकिन है।
ताली और थाली तो बजाए ही थे।
नोटबंदी पर
सड़क पर कहां आए थे।
सड़क पर तो वह आए थे।
जिन्हें आज तक 5 किलो,
अन्न पर खरीदा जा रहा है।
है न मुश्किल उनका हारना।
उपाय क्या है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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