गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

तेरे जुमले में

तेरे जुमले में 
और मेरे जुमले में। 
फर्क केवल इतना है
कि तुम सत्ता की 
कुर्सी से बोल रहे हो 
और मैं बेरोज़गारों के मंच से ॥
तुम्हारे पीछे 
पूंजीपतियों की फौज है 
देश की अकूत सम्पदा है 
और मेरे लिए 
बेरोजगारों ने चंदा किया है ।
तुम्हारे पास संगोल है
मेरे पास लाठी है।
-डॉ लाल रत्नाकर

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