तेरे जुमले में
और मेरे जुमले में।
फर्क केवल इतना है
कि तुम सत्ता की
कुर्सी से बोल रहे हो
और मैं बेरोज़गारों के मंच से ॥
तुम्हारे पीछे
पूंजीपतियों की फौज है
देश की अकूत सम्पदा है
और मेरे लिए
बेरोजगारों ने चंदा किया है ।
तुम्हारे पास संगोल है
मेरे पास लाठी है।
-डॉ लाल रत्नाकर
और मेरे जुमले में।
फर्क केवल इतना है
कि तुम सत्ता की
कुर्सी से बोल रहे हो
और मैं बेरोज़गारों के मंच से ॥
तुम्हारे पीछे
पूंजीपतियों की फौज है
देश की अकूत सम्पदा है
और मेरे लिए
बेरोजगारों ने चंदा किया है ।
तुम्हारे पास संगोल है
मेरे पास लाठी है।
-डॉ लाल रत्नाकर

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