गुरुवार, 17 मार्च 2011

दलित बहुत महान हैं

-डॉ.लाल रत्नाकर
  
अजीब दास्तान हैं 
दलित बहुत महान हैं 
सदियों ने इन्हें रौद कर,
कर दिया ख़राब है .
आज दलित को मिला है
कवच ढाल  'बाबा' का. 
यदि यहाँ दलित दमन करे ,
तो वही यहाँ अन्याय है
मंदिरों की रचना और 
मूर्तियों की स्थापना में 
खड़े है दलितों के दमन के 
लाखों मूर्तियों के रूप में 
छावं और धूप में .
शुकून मिल रहा है मुझे 
आपके जूनून में .
कविता और कहानी में 
रचे तो सारे शूल हैं 
कौन पढ़ रहा है इन्हें 
बाबा के जूनून में
'दलित' अगर दलित नहीं तो 
मामला भी काफी दूर है.
झोपड़ी में डाल कर 
'सवर्ण' महल की 'योजना'  
दलित का दोहन कर रहा आज बे हिसाब है.
आंदोलनों की बात और 
जहाँ में जा बसी "बाबा"
की मूर्तियाँ भी अब उसकी 'दुकान' हैं 
बुद्ध बुद्धि और प्रबुद्धता की यही पहचान है.
अपराध करो खुद और 
औरों पे उसे ठोक दो,
अगर किसी ने देखा लिया 
तेरे इस अपराध को 
तो लठैतों की फौज 
बनाई है 'दलितों' के खिलाफ 
आज वही मांग रहे हैं 
पिछड़ों में शामिल होने का अधिकार 
कहीं कल इन्हें कोई 
समझा दे की अब दलित 
बनने में है लाभ 
तो देखना की ये  बनेंगें 
दलित और सदियों के 
सवर्ण के औजार.
   

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