शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

कैसी आज़ादी ........


डॉ.लाल रत्नाकर 

आज़ादी आज़ादी आज़ादी
कैसी आज़ादी ........
इनके लूट कि
समाजवादी देश में
पूंजीवादी भेष में
राजनीती के नाम पर
दूकाने खोले हैं
निति कि बात करते हैं
नियति के खोखले हैं
कहाँ लिखा है
लोकतंत्र में
पागल
फालतू
उच्चक्का
या
इंजीनियर
डाक्टर
अपढ़
अज्ञानी
नेता पुत्र
राजनेता बनेगा
'लोक तंत्र'
में उसको जिताने के लिए
विकास का फंड लगेगा
किसको बेवकूफ बना रहे हो
लोकतंत्र के नाम पर
राजतन्त्र
परिवारवाद
और
पुत्र,जाती,धर्म
के नाम
निक्कमों
चापलूसों
घूसखोरों से
देश चलवा रहे हो
उठो
जवानों
बूढों
बच्चों
स्त्री
वा
पुरुष
उठो
जागो
नहीं तो
यह सोने चांदी
के देश को
माटी का भी
नहीं रहने देंगे !  

कोई टिप्पणी नहीं: