डॉ.लाल रत्नाकर
अरे कांग्रेसियों शर्म करो
अब तो बेशर्मी की हद पार हो गयी है
तुम्हारी नेता की 'दामाद'
फंस रहा है .
उसे बचाने के लिए
अपनी खींसे निपोड़कर
किस व्यापार की बात कर रहे हैं
क्या व्यापारी किसी का
दामाद बन जाए तो
वह हर 'भ्रष्टाचार' का अधिकारी है ?
कांग्रेसियों की मम्मी का
दामाद फंस रहा है
आओ 'उसे' बचाएं
मम्मी नाराज़ न हो जाएँ
इसलिए !
अरे 'बेईमानों' जनता आ रही है
सावधान हो जाओ !
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