शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

क्लर्क कितने रोब से

डॉ.लाल रत्नाकर 

वाह क्या रुआब है !
क्लर्क कितने रोब से
प्रोफेसर से अकड रहा था
क्योंकि उसके यहाँ हर
प्रोफेसर पी-एच.डी. कराने के लिए
गिडगिडाते हुए आता है .
इसीलिए हर व्यक्ति से /प्रोफेसर से
वही रुआब दिखाता है।

उसे क्या पता है /था
की हर एक उसकी तरह
बेईमान ही नहीं रहा है या है
पता चला है की इस क्लर्क
ने इस विश्वविद्यालय की
कमाई से कई कालेज
बनाया है .

इस तरह से वह पी-एच.डी.
सेक्शन में बैठा
पी-एच.डी. करा रहा होता है
और कौन कौन एक्सपर्ट
आयेंगे कहाँ से आयेंगे कितना
अनुभव होगा उसका सारा
मानदंड तोड़कर उसने
कैसा धमाल मचाया है .

  

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