शनिवार, 6 सितंबर 2014

मोदी जी की पाठशाला


-डा़.लाल रतनाकर


मैं ही मैं है सब ;
सीएम भी हम पी यम भी हम
टीचर और फटीचर भी हम 
छात्र और विद्यार्थी भी हम 
प्रश्न हमारे उत्तर सारे
सबके मध्य हम रूप निखारें
चाय बेचना कर्म हमारा
कैसा लगा ये सुनकर नारा
रचे सवाल न हमने सारे
उसकी है ये कारस्तानी
बहु हो गयी बड़ी सयानी
हुनर प्रबल है !
एम ए ओम वे का किस्सा
आखिर सुना आपने
कितनी चुटकी ली पीएम ने
चलो हुनर अब सीखें उनसे
पीएम बनने के सवाल पर
चुप्पी साधी थी पीएम ने
कैसे टाल गए थे उसके
भोले मन के सपने को
कैसी है वो पाकिस्तानी
लगती तो है वो ईरानी
सोहा मन तो मंत्री बन जा
पीएम की तू संत्री बन जा
शिक्षक दिवस पर नाटक रच के
वाह वाह तो लूट ले गयी
पीएम को भी मज़ा आ गया
देश का बच्चा हाथ आ गया
सारे बूढ़े छूट गए जब
वोटर भी हम नेता भी हम
सीयम भी हम पीयम भी

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