धुंध भी है रोशनी भी
तनहाई और जमहाई भी
चमन को रौंदने वालों की
बारात मेरे घर भी आयी है
दुश्मनी किससे करें उससे
जिसने दोस्त दोस्ती निभाई है
बातें बहुत हैं कितनी करूं
किसकी करूं किसकी न करूं
आप से उनसे उनकी या अपनी
अपनों की करूं या अपनी करूं
मेरे दोस्तों उनका भला करना
जिसने जी भर मेरा बुरा किया ।
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