होली होली होली अबके बरस भी हो ली
रंग ढंग सब अलंग क़रीने व्यापक वैभव !
नई नवेली कौतुक कुल का राग रंग सब
पी ली नी ली ला ल सभी तो वह पी ली
हो ली होली का सर्ीनगार सबै ने कर
चहुँओर कुरुक्षेत्र की भाव भंगिमा ले ली
आओ सखि सब बैठें ठांव छांव के डट के
पीड़ा वीडा से सहके बह रस राग वक़्त के
होली होली हो ली दिन रात रति के मन की
कहते कहते कहते उम्र अधिक जब हो ली !
-डा.लाल रत्नाकर
रंग ढंग सब अलंग क़रीने व्यापक वैभव !
नई नवेली कौतुक कुल का राग रंग सब
पी ली नी ली ला ल सभी तो वह पी ली
हो ली होली का सर्ीनगार सबै ने कर
चहुँओर कुरुक्षेत्र की भाव भंगिमा ले ली
आओ सखि सब बैठें ठांव छांव के डट के
पीड़ा वीडा से सहके बह रस राग वक़्त के
होली होली हो ली दिन रात रति के मन की
कहते कहते कहते उम्र अधिक जब हो ली !
-डा.लाल रत्नाकर
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