मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

हक और हुकूक में।


गोड्से तब भी था

और अब भी है ।

तब गाँधी को मारा

अब गांधी के बन्दों को

मार रहा है।

आप उससे मिलना चाहोगे

या रोज मिलते हो

हर दफ्तर में

हर दुकान पर

हर देश मे

हर प्रदेश में

हर जिले में

गांव और मुहल्ले में

यूनिवर्सिटी और कालेज में

न्याय के ठिकानों में

हर नेता के रुप में

और उसके आस पास

तभी तो वह मार रहा है

जिसे वह पराया

समझता है ।

हक और हुकूक में।

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