हम हिन्दू कैसे है
सिन्धु के कारण या और कुछ!
हम गाय नहीं खाते
हम मन्दिर में चढ़ावा नहीं ले जाते
हमें धूर्तता नहीं आती!
तो हिन्दू कैसे हैं
मेरे भोले भाले मेहनतकश
भाईयों की इज़्ज़त लूटने वालों
तुम हिन्दू कैसे हो ।
तुम बामन हो
ठाकुर हो
पंडित हो
बनिया हो
हिन्दू कैसे हो
हम
जाटव हैं
यादव हैं
कुर्मी हैं
कोईरी है
नाई है ...........
.......................
हज़ारों जातियों में
बँटे चारपाये हैं
हिन्दू तो
आशा राम है।
है न आप उसी तरह के
हिन्दू।
सिन्धु के कारण या और कुछ!
हम गाय नहीं खाते
हम मन्दिर में चढ़ावा नहीं ले जाते
हमें धूर्तता नहीं आती!
तो हिन्दू कैसे हैं
मेरे भोले भाले मेहनतकश
भाईयों की इज़्ज़त लूटने वालों
तुम हिन्दू कैसे हो ।
तुम बामन हो
ठाकुर हो
पंडित हो
बनिया हो
हिन्दू कैसे हो
हम
जाटव हैं
यादव हैं
कुर्मी हैं
कोईरी है
नाई है ...........
.......................
हज़ारों जातियों में
बँटे चारपाये हैं
हिन्दू तो
आशा राम है।
है न आप उसी तरह के
हिन्दू।
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