शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

सलाम !

डॉ.लाल रत्नाकर

मेरा उनको सलाम. सलाम उनका मुझको, 
उनको न मुझसे मतलब, मेरा उनको सलाम.

मजहब उनका नहीं मेरे मज़हब से मेल खाता 
जिनसे मेल खाता है उनका मज़हब उन्हें सलाम 

सलाम मेरा उनको उनको मेरा सलाम सलाम उनको 
जी भर कर जिनको चख लिया है हमने सलाम उनको 

मिलता मुकाम उनको जिनको करते हैं वो सलाम 
सलामत रहता यदि मेरा मुकाम मेरा उन्हें सलाम 

हिम्मत नहीं होती रहबर की तब भी उन्हें सलाम 
इंतिहा कर दिया है उसने तब भी मेरा उसे सलाम 


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