शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

सत्तानशीनों को !


समय की मार ऐसी है, ये सरकार कैसी है
जिन्हें हमने हटाने का इन्हें मौक़ा दिया चुनकर
ये उनके बाप लाये हैं हम सबको दगा देकर ?
उनकी अगवानी करो अब इन्हें अपना कहकर !
ये दौलत के नशे में हैं,सत्ता की ताकत का पता तो है
पर इन्हें ये नहीं मालूम की सत्ता ही बदल देती है
नशे में धुत हुए सत्ता के सत्तानशीनों को ?
-डॉ.लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं: