बुधवार, 9 अगस्त 2017

देखो वह गरज रहा है।

देखो वह गरज रहा है।
गुस्से से या गुस्से में है
देखो वह गरज रहा है
बरबस वह गरज रहा है 
बरस रहा है कहां कहां!
देखा है तुमने उसे बरसते
फिर क्यों वह गरज रहा है
हद कर रहा है।

सारी सीमाएं तोड़ रहा है
संविधान को मरोड़ रहा है
लगता है यह कहीं से
टाइट किया जा रहा है
जल्दी करो, जल्दी करो
अगर तुम्हें लोग भाप लिए तो
सब कुछ चौपट हो जाएगा
और अगर तुम्हें जान लिए तो
तुम्हें मार डालेंगे।
उसे लोग मार न पाएं।
इसीलिए इतनी जल्दी में है
क्या इसीलिए वह गरज रहा है।


-डॉ. लाल रत्नाकर 

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