शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

विरासत !

चित्र ; वंदना यादव 

विरासत बचाने की चिंता किसको है ?
इस वक़्त वे रोटियां सेंकने में लगे हैं  !

वह जानते हैं की सियासत से ही !
विरासत को कायम रखा जा सकता है !

मगर वे नहीं जानते की उनकी विरासत,
किस तरह की सियासत से कैसे बचेगी !

यहाँ तो साझा विरासत की बात है !
और वहां तो विरासत में सियासत है !

विरासत को संभालने के लिए पहले !
अपनी सियासत को समझना होगा !

संविधान के दुश्मनों की सियासत !
को पहले बहुजनों को समझना होगा !

डॉ.लाल रत्नाकर    

कोई टिप्पणी नहीं: