चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर (संग्रह सी सी एम बी हैदराबाद ) |
महासमर है
महासमर है
ग़द्दारी मत करना !
महासमर है
ग़द्दारी मत करना !
अभी तुम्हें बहलाया जायेगा
फुसलाया जायेगा !
आपस के भेदभाव से
तुम्हें घुमाया जायेगा ?
यह कह कर ?
वह सारा हक़ खा गया तुम्हारा ?
दिल तेरा सहलाया जायेगा !
यदि तुम सो गए !
ग़द्दारों की लोरी से !
फिर तुम्हें
गहरी नींद की गोली देकर ?
सदियों सदियों सदियों तक !
दास बनाया जाएगा !
महासमर है
महासमर है
महासमर है
ग़द्दारी मत करना !
डा.लाल रत्नाकर
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