शनिवार, 18 मई 2019

सपने बुनने वाले !


उनके हालात क्या है
उनके सवालात क्या है
कौन देगा जवाब ?
वक्त के हालात का?
दुश्वरियों की बात का ! 
आओ जरा गौर करें ?
हालात का उनके !
सपने बुनने वाले !
संस्कृति के काज का
आज के आगाज का
आमजन की आवाज का
देशकाल के मलाल का !
हुनर के हाल का।
मचे हुए बवाल का?
युवा के सवाल का।
गीत संगीत और नृत्य का
दान और भिक्षावृत्ति का ।
राक्षसी प्रवृत्ति का।
सब यहां खुला हुआ है।
जाल यहां बुना हुआ है।
उसके हाल चाल का।
नए मालामाल का।
प्रवृत्ति के सवाल का।
जहर यहां घुला हुआ है।
आन बान शान का।
अपनों के अपमान का।
ताल ठोक कर खड़ा।
है जहां जहर चढ़ा।
अपने अपमान का।
थोथी उसकी शान का।
कौन साथ है खड़ा।
खड़ा कौन है साथ में।
अहंकार छोड़ दो।
प्यार को भी मोड़ दो।
देखो अब है क्या बचा।
डॉ लाल रत्नाकर

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