सब कुछ ठीक तो नहीं है।
कहीं ना कहीं बड़ा गड़बड़ है।
क्योंकि हमें अलग-अलग,
धड़ों में ही बाट दिया है।
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई।
आपस में सब भाई भाई।
आज छिड़ी है गजब लड़ाई।
जाति जाति में जाति बनाई।
घर घर में है आग लगाया ।
कौन लड़ेगा इससेै गोलबंद होकर।
चिंता यही बड़ी है।
महासमर की घड़ी है।
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