सोमवार, 23 सितंबर 2019

जुमलों से भरमाया जा रहा है.


वे परेशान हैं
यह खबर किसको है
क्यों परेशान है वे
कौन बताएगा?
हम तो यहां मस्ती में
बाट जोह रहे हैं कि
वह दिन आएगा
जब हम वहां जाएंगे
अपना घर बनाएंगे
शादी भी रचाएंगे
ऐसी लड़की लाएंगे
जिसे दुल्हन बनाएंगे
वाह यह ख्वाब
हमारा नौजवान
पाले हुए हैं
और उसके पैर से जमीन खिसक रही है
बेरोजगार दौड़ रहा है
उम्र बढ़ गई है
दौड़ कम नहीं हो रही है
मगर उसकी समझ में नहीं आ रहा है
कि वह कहां जा रहा है
या उसे कहां ले जाया जा रहा है
वह देश को
महान बनाने की फिराक में
गर्त में जा रहा है।
फिर भी यह बात
उसकी समझ में नहीं आ रही है
क्योंकि उसे जो नशा पिलाया जा रहा है
उस नशे को वह खरीद कर नहीं लाया है
उसे मुफ्त में
जुमलों से भरमाया जा रहा है
वे परेशान है।

और यह नौजवान नाच रहा है।

डॉ. लाल रत्नाकर 

कोई टिप्पणी नहीं: