गुरुवार, 26 सितंबर 2019

आज के दौर में


आज के दौर में
कुछ कहना?
कितना मुश्किल है।
पर सच तो सच है।
सच कहना और मुश्किल है।
सच झूठ भी होता है?
झूठ भी सच हो जाता है।
कहने का तरीका?
क्या है जिनको पता ही नहीं है
...... इतिहास ?
भ्रम और भेदभाव का।
सच और झूठ का।
उनके लिए झूठ सच है।
सच झूठ।
हमारी आदत में सच है
और उनकी में झूठ।
यह मैं नहीं कह रहा हूँ।
वही कह रहे हैं।
झूठ को सच की तरह।
-डॉ लाल रत्नाकर

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