बुधवार, 30 अक्टूबर 2019

संघर्षों में सपने देखे हैं


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हमने संघर्षों में सपने देखे हैं
दूर रहकर भी अपने देखे हैं।
तुम्हारा इतिहास और भूगोल हमें
बहुत अच्छी तरह तो पढ़ाया गया
उसी को बदलने की बात आज करते हो
लिखने वाले को मजदूर क्यों समझते हो
वह भी मालिक था काबिल था ।
जिसने लिखा अविश्वास क्यों करते हो।
वह नहीं जानता था कि उसका लिखा
कोई बदल देगा उसकी जगह पर लिख देगा।
अपना इतिहास अपनों जैसा इतिहास।
इतिहास केवल इस मुल्क में नहीं लिखा जाता।
दुनिया में और लोग इतिहास लिखते हैं।
जब तुम चले जाओगे तो तुम्हारा इतिहास।
कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाएगा।
क्योंकि तुम इतिहास ठीक नहीं कर रहे हो।
उस इतिहास में और गलतियां भर रहे हो।
इतिहास को इतिहास ही रहने दो।
तुम्हारा इतिहास इतिहास में नहीं लिखा जाएगा।
बल्कि तुम्हारे इतिहास के लिए एक कालखंड।
अलग से लिखा जाएगा या तो स्याह छोड़ दिया जाएगा।
या पन्ने को काला कर दिया जाएगा।
हमने संघर्षों में सपने देखे हैं और सपनों को लिखा है।
मगर सपने इतिहास नहीं हुआ करते।
जो इतिहास लिखते हैं वह अपने सपने।
इतिहास में भरते ही रहते हैं।
डॉ लाल रत्नाकर

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