सत्ता !
नये वर्ष में
उसका बड़बोलापन
कमज़ोर पड़ सकता है!
उसने मन के काम करके
मन की बात में कह दिया है।
आपका खाता ख़ाली है
अंबानी और अडानी को देश !
जन जन की खुशहाली और
नौकरी खा गया !
कटोरा थमा गया !
अच्छेदिन तो आ ही गये !
किसके यह पता नहीं।
पेट्रोल डीज़ल गैस खाद्य सामग्री
दुगने दर पर कर गया !
- डॉ लाल रत्नाकर
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