यह कैसा मजाक है
शासक नाराज है जनता से
क्योंकि जनता में मुसलमान है
मुसलमान का अपना धर्म है
धर्म के प्रति ईमानदार है।
इधर तो धर्म है लेकिन
इस धर्म का कोई धर्म नहीं है।
जाति है और जाति का
वर्ण व्यवस्था सबसे बड़ा
हथियार है।
आपस में जातियों को लड़ा कर
हिंदू बनाने का जो व्यापार है।
वह धर्म के लिए नहीं है।
धर्म राज्य करने के लिए है।
हनुमान हो, राम हों, बलराम हों।
इनसे कोई मतलब नहीं।
जनता आपस में लड़ते रहे।
हिंदू-मुस्लिम करती रहे।
इसी में इनका लाभ है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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