गुरुवार, 8 सितंबर 2022

उन्हें कोई फिकर नहीं है

 डॉ लाल रत्नाकर 




उन्हें कोई फिकर नहीं है
जो राजनीति में कंधों पर बैठे हैं
उन्हें भी कोई फिक्र नहीं है
जो विरासत में राजनीति पाए हैं
फिर उन्हें क्यों फिक्र होनी चाहिए
जो ना किसी के कंधे पर बैठे हैं
और ना ही उनकी विरासत ही है।
लेकिन आजकल उनकी जुबान
पर हमारा यह समाज है मेहरबान
क्योंकि वह राजनीति की बजाए
खरीद-फरोख्त का सामान लेकर
देश बनाने और चलाने आए हैं।
यही कारण है कि पुराना देश
अब नए वेश और परिवेश में।
नए तरह की आजादी का सपना
दिखा रहे हैं जिसमें आपका?
अपना क्या है यह नहीं बता रहे हैं।
फिर फिकर किसको है?

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