बुधवार, 19 अप्रैल 2023

आज सपने में मेरी मुलाकात विश्वगुरु से हुई।



आज सपने में मेरी मुलाकात 
विश्वगुरु से हुई।
विश्व गुरु की मुस्कान ने।
मन मोह लिया और उनको 
नमन करते हुए प्रणाम किया ।
उन्होंने आशीर्वाद देते हुए प्रस्थान किया।
अपने स्थान से नहीं मेरे करीब से 
इतना आदर, इतना सम्मान उनका 
इतना आशीर्वाद सचमुच मन मोह लिया।
आज के सपने ने तमाम पुरानी 
उन घटनाओं को स्मरण करा दिया।
जो सचमुच विश्व गुरु होने का !
अधिकार तो रखते हैं पर उनकी 
गुलामी में, मन में प्यार रखते हैं।
आज के वातावरण में, धर्म या अधर्म 
वह जिस तरह से शांत थे सवालों पर 
पर मुस्कान भरा अभिवादन 
दुश्मन से भी प्रेम का प्रदर्शन 
कर रहे थे वह इस नफरती माहौल में !
विकराल और अकाल के संकटकाल में 
फिर कहीं खो गए और सपना टूट गया !
विश्वगुरु का दर्शन भी छूट गया !

-डॉ लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं: