सोमवार, 24 जुलाई 2023

हमारे हत्यारे का अभिनंदन करने वालों।


हमारे हत्यारे का
अभिनंदन करने वालों।
हम तुम्हें समझ रहे थे
लेकिन तुम !
हमें नहीं समझ पाए थे।
मुझे बार-बार मिटा दो।
मैं मिटने के लिए तैयार हूं।
पर यह ध्यान रखना
मेरी जगह नहीं ले पाओगे?
भले ही हमें बार-बार मिटाओगे।
मेरे चश्मे, मेरी लाठी, मेरी धोती
को प्रतीक बनाओगे,
मेरे अपमान के लिए !
लेकिन जिसे तुम,
सम्मान देना चाहते हो!
कैसे जनता को समझाओगे,
उसे हत्यारे से, 
महात्मा कैसे बनाओगे।

-डॉ लाल रत्नाकर

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