सोमवार, 18 दिसंबर 2023

गांव की बात करें।



 

आईए हम !
गांव की बात करें।
शुरू कहां से करें।
सुबह के कोहरे से
शाम के धुंधलके से,
शुद्ध वायु और
नलके के जल के
स्वभाव और प्रभाव से,
खिले हुए फूलों से
मुरझाए हुए पतझड़ से
कोने में बैठे हुए
पक्षियों के कौतुहल से
गुजरे हुए कल के 
कोलाहल से,
बुजुर्गों की मंशा से !
या अपनी प्रशंसा से।
नफरत की खेती में
उगी हुई फसलों से।
दूध की शुद्धता से
पानी की अशुद्धता से
कीचड़ और डामर की
आपसी प्रतिद्वंद्विता से
नए-नए ठूंठों से।
बड़े-बड़े झूठों से,
किसकी बात करें।
गांव की बात करें।

-डॉ लाल रत्नाकर

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