शनिवार, 9 मार्च 2024

दोस्त दुश्मन

 
दोस्त दुश्मन
फर्क क्या है दोनों में
व्यक्तित्व का ही।
फरिस्ता थोड़े 
महफूज़ होते हैं 
खुदा तुमसे। 
खंजर कहाँ 
छुपा रक्खे हो भोले 
नस्ल किसकी !
फितरत है 
फलसफा थोड़े है 
उनकी छोडो !
नसीहत दे 
मगर ये ध्यान हो 
वह कौन है !

-डॉ लाल रत्नाकर

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