गुरुवार, 5 जून 2025

क्या यह शहंशाह है

 

क्या यह शहंशाह है 
आगे भी बना रहना चाहता है
इसलिए उसे संविधान 
लोकतंत्र की मर्यादा 
देश की गरिमा नहीं भाती है।
जनता की आकांक्षाओं
सैनिकों की सुरक्षा का
आमतौर पर कोई ध्यान 
नहीं रखता है।
ध्यान रहता है तो केवल -
केवल आम आदमी को 
प्रतीकों के माध्यम से 
ठगने का, वोट के लिए 
जिससे शहंशाह बना रहे हैं 
हर तरह से संविधान विरोधी 
गतिविधियों में शरीक रहे।
जो कहे वह सब मान ले। 
जो शहंशाह माने हुए हैं। 
बाकियों को जिन्होंने 
वहां भेज रखा है ।
जहां इन्हें होना चाहिए था। 
हमारे डरे हुए समाज में 
उनकी जगह जहां होनी थी 
वहां न जाना पड़े उसके लिए 
अंधभक्त बन गए हैं। 
और अंधभक्ति के व्यापार में 
धड्ड़ले से व्यापार कर रहे हैं। 
लेकिन वह भी डर रहे हैं। 
कि कल कहीं कोई शहंशाह 
बदल गया और उनकी 
जगह भी बदल जाएगी। 

- डॉ लाल रत्नाकर

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